गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त को लेकर सभी लोग असमंजस की स्थिति में बने हुए हैं। लोगो को पता नहीं चल पा रहा हैं, कि गोवर्धन पूजा कब हैं? इस दिवाली की खुशियों में लोग त्यौहार मनाने की बजाय असमंजस की स्थिति से समझ नहीं पार रहे हैं। हम आपको बता दें कि हिन्दू त्यौहार कभी भी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नहीं आते हैं।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
हर वर्ष दीपावली और अन्य हिन्दू त्योहारों की तारीखों में बड़ा अंतर् होता हैं। इसी वजह से प्रत्येक वर्ष हम दिवाली अलग-अलग तारीखों को मनाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हैं। कालगणना और कैलेंडर में अंतर् का होना। तारीखें अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार चलती हैं। जबकि हिन्दुओं के त्यौहार तिथियों के अनुसार आते हैं।
जरूरी नहीं की कार्तिक मास की अमावस्या हर वर्ष 13 नवंबर को ही आये। ऐसा अंतर दोनों केलिन्डर के कालगणना के कारण आता हैं। खेर हम अभी गोवर्धन पूजा के बारे में जानते हैं।
गोवर्धन पूजा कब है
गोवर्धन पूजा को लेकर आपका संशय दूर करते हैं। अगर हम हिन्दू कैलेंडर के अनुसार देखें तो कार्तिक मास की एकम की शुरुआत 13 नवंबर को सोमवार के दिन 2 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही हैं। तथा यह 14 नवम्बर को 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसीलिए लोगो में असमंजस की स्थिति बनी हुयी हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार उदय तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इसलिए ज्यादातर स्थानों पर गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को ही होगी।
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गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है
गोवर्धन पूजा गोबर से गोरधन बनाकर की जाती हैं। हिन्दू धर्म में इसे प्रकृति की पूजा भी माना जाता हैं। इसका संबंध भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत से भी जुड़ा हैं। मान्यताओं के अनुसार इंद्रदेव का घमंड तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ट ऊँगली पर उठा लिया था।
इसी दिन अन्नकूट का आयोजना भी किया जाता हैं। भगवान को 56 भोग लगाया जाता हैं। ये दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष का प्रतिपदा का दिन होता हैं।