Inspiration Thought to be Best in your life

मैं ‘किसी से’ बेहतर करूं क्या फर्क पड़ता है….! मैं ‘किसी का’ बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है……!!

बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाजे़ पर लिखे थे- ‘ठोकरे खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब, वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया!’

सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ है, अगर वे तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सीखाते। 

अपने जीवन को संगीतपूर्ण बनाओ, ताकि काव्य का जन्म हो सके। और फिर सौदर्य ही सौंदर्य है, और सौदर्य ही परमात्मा का स्वरूप है।

कोई आदमी चाहे लाखों चीजें जान ले। चाहे वह पूरे जगत को जान ले। लेकिन अगर वह स्वयं को नहीं जानता है तो वह अज्ञानी है।

अगर आप सही में सच देखना चाहते हैं तो आप ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।

मनुष्य खुद ईश्वर तक नहीं पहुंचता है, बल्कि जब वह तैयार होता है तो ईश्वर खुद उसके पास आ जाते है।

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