Gandhi Sagar Dam : गांधीसागर बांध मंदसौर से 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बांध चंबल नदी पर बनाया गया है। मन्दसौर जिले में गांधी सागर बांध / पावर स्टेशन के निर्माण की आधारशिला 7 मार्च, 1954 को प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई थी। पावर स्टेशन में काम 1957 में शुरू किया गया था, जबकि बिजली उत्पादन और इसका वितरण शुरू हुआ था। नवंबर, 1960. गांधी सागर बांध और पावर स्टेशन के निर्माण पर कुल खर्च लगभग रु. 18 करोड़ 40 लाख. पावर स्टेशन के निर्माण पर रु. का खर्च आया. 4 करोड़ 80 लाख.
गांधी सागर पावर स्टेशन 65 मीटर लंबा और 56 फीट चौड़ा है। पावर स्टेशन में 23 मेगावाट क्षमता की पांच टर्बाइन हैं, इस प्रकार कुल स्थापित क्षमता 115 मेगावाट है।
गांधी सागर पावर स्टेशन अब पूरे मन्दसौर जिले में बिजली की आपूर्ति करता है। जिले में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के अलावा, इस बिजली घर से मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य के सुदूर स्थानों पर बिजली की आपूर्ति की जाती है।
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Gandhi Sagar Dam कहां स्थित है और कैसे पहुंचे देखने
गांधी सागर बांध (Gandhi Sagar Dam) मध्य प्रदेश के मन्दसौर जिले है स्थित है यह बांध मन्दसौर शहर से करीब 168 किलोमीटर दुरी है ! बारिश के मौसम में भारी संख्या में लोग इस बांध की खूबसूरती को देखने आते है, बरसात के मौसम में इस बांध में झूलती हुई लहरों को देखने का अलग ही मजा है !
By Air : अगर आप गांधी सागर बांध (Gandhi Sagar Dam) घूमना आना चाहते है तो आप हवाई जहाज में माध्यम से आते है तो आप इसके नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर जो इससे करीब 150 किलोमीटर दूर है आप इंदौर एयरपोर्ट से भी आ सकते जो यहाँ से करीब 230 किलोमीटर दुरी पर है !
By Train : आप रेल के माध्यम से भी यहां घुमने आ सकते है अगर आप रेल के माध्यम से यहां आना चाहते है तो आपको इसके नजदीकी रेलवे स्टेशन शामगढ़ में उतरना होगा, शामगढ़ रेलवे स्टेशन गांधी सागर बांध से 80 किलोमीटर दुरी पर स्थित है !
By Road : अगर आप यहां पिकनिक करने का प्लान कर रहे है तो आप बारिश के मौसम में यहां पिकनिक का प्लान कर सकते है, बारिश के मौसम में यहां का मनमोहक दृश्य जरुर आपके मन को मोह लेगा आप यहाँ आसानी से अपनी कार, पिकनिक बस के माध्यम से पहुँच सकते है !
बारिश के मौसम में दिखता है इसका भयानक रूप
गांधी सागर बांध चम्बल नदी के ऊपर बना हुआ है , बरसात में यह बांध पूरी तरह पानी से भर जाता है इसलिए समय – समय पर बांध के गेट खोलकर पानी को निकाला जाता है जिससे नीचले इलाको में पानी भर जाता है ! गांधी सागर के गेट खोलने से नीचले इलाके डूब जाते है इस बांध से मन्दसौर औए नीमच जिले के अलावा राजस्थान के कुछ क्षेत्र भी प्रभावित होते है !
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